Takhat Sri Harimandir Ji- Patna
सिख धर्म के अनुयाइयों के लिए स्वर्ण मंदिर श्री हरिमंदिर साहिब के बाद तख्त श्री पटना साहिब का स्थान सबसे पवित्र स्थलों में दूसरे नंबर पर है। सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म यहीं 22 दिसंबर, 1666 को हुआ था. सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्तों में दूसरा तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब हैं.
इस गुरुद्वारा का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने कराया था
सिखों के आखिरी गुरु का न केवल यहां जन्म हुआ था, बल्कि उनका बचपन भी यहीं गुजरा था. सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी ने साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी, जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। गुरु गोबिंद सिंह ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था।
गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए हैं, जिन्हें पंच ककार कहा जाता है। सिखों में इन पांच चीजों को अनिवार्य माना जाता है। ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा।
बिहार के पटना साहिब गुरुद्वारा में वो सभी चीजें मौजूद हैं, जिनका गुरु गोविंद सिंह उपयोग करते थे। यहां गुरु गोविंद की छोटी कृपाण भी मौजूद है, जिसे वो हमेशा अपने पास रखते थे। इसके अलावा यहां उनकी खड़ाऊं और कंघा भी रखा हुआ है। यहां मौजूद कुआं के बारे में बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल गुरु गोविंद सिंह की मां पानी भरने के लिए किया करती थीं।
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