Sidi Saeed Mosque
अहमदाबाद में स्थित सीदी सैयद मस्जिद का निर्माण 1573 में हुआ था। जिसे गुजरात सल्तनत (1407-1573) के आखिरी सुल्तान शम्स-उद-दीन मुजफ्फर शाह तृतीय के दौर में निर्माण कराया गया था।
इसकी पश्चिमी दीवार की खिड़कियों पर उकेरी गई जालियां पूरी दुनिया में मशहूर है। एक-दूसरे से लिपटी शाखाओं वाले पेड़ को दिखाती ये नक्काशी पत्थर से तैयार की गई है।
इस मस्जिद में करीब 10 जालियां हैं, जिनमें 7 जालियों में पत्थर पर वृक्ष एंव पत्तियों की नक्काशी की गई है और तीन जालियां खुली हुई हैं।
इस मस्जिद में जालीदार नक्काशी का बेहतरीन काम हुआ है, इसीलिए इसे सीदी सैयद की जाली भी कहते हैं। यह मस्जिद भारतीय-अरबी नक्काशी का बेजोड़ नमूना है।
आईआईएम, अहमदाबाद का लोगो बनाने की प्रेरणा इसी मस्जिद की जाली से मिली थी। कहा जाता है कि जब अंग्रेज़ भारत में काबिज हो गए तो उन्होंने इस मस्जिद की एक जाली निकाल ली थी और उसे ब्रिटिश म्यूज़ियम में रखवा दिया था।
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