Story of Labour life
पहले मजदूरी 300 रू प्रतिदिन हुआ करती थी,, धीरे धीरे मजदूरी बङ रही अब 600 रू प्रतिदिन हमलोगों को मिलते है, पर रोज हमें काम नहीं मिलता जब तक काम चलता है ठीक है पर एक काम खत्म होने पे फिर दूसरा मिलने में समय लगता इसलिऐ कई दिन तो खाली ही बैठै रहते है कमाये हुऐ पैसै से ही घर का गुजारा चलता है,,,लेबर चौक पे जाकर बैठते है फिर कोई आया तो ठीक वरना फिर घर ही आना पङता है!!!!!!
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